नई दिल्ली: भारत के हर शहर में मुस्लिम युवाओं को उकसाने वाले ISIS एजेंट बनाने वाले आतंकवादी संगठन के 9 सदस्य दोषी पाए गए। एनआईए ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सबसे बड़े नेटवर्क की श्रृंखला को तोड़ दिया जिसके माध्यम से भारत में बड़े पैमाने पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए के विशेष न्यायाधीश परवीन सिंह ने मामले के नौ आरोपियों को दोषी ठहराया है। इन सभी दोषियों को 22 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी।

6 अगस्त को आईएसआईएस की साजिश के उसी मामले में छह अन्य आरोपियों को भी दोषी ठहराया गया था। NIA ने 9 दिसंबर, 2015 को IPC की धारा 125 और 18, 18B के तहत UA (P) अधिनियम, 1967 की धारा 39 के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच में यह पता चला था कि एक बड़ी आपराधिक साजिश की जा रही है ISIS द्वारा भारत में रची गई। आईएसआईएस के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती करके भारत के लगभग हर क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। इसके लिए एक भर्ती मंच भी बनाया गया था। इसमें सभी प्रकार के लोग शामिल थे। यानी ऐसे लोग थे जो धर्म के नाम पर भड़काकर मुस्लिम युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करते थे।

इस मामले में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारी समर्थन दिया गया था। इसके लिए कई फर्जी आईडी बनाए गए थे। जांच के दौरान विभिन्न शहरों में तलाशी लेने पर 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने जुनूद-उल-ख़िलाफ़ा-फ़िल्म-हिंद (भारत में ख़लीफ़ा को स्थापित करने और आईएसआईएस / आईएसआईएल के प्रति निष्ठा रखने का प्रयास करने वाला एक समूह) नाम से एक संगठन बनाया था, जिसका उद्देश्य मुस्लिम युवा थे। भड़का कर आतंकवादी बनाया जाना था।

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