दुनिया में किसी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सैन्य ताकत से लगाया जाता है। इस लिहाज में यदि किसी देश के पास सैनिकों की संख्या अधिक होती है और आधुनिक हथियार होते हैं उसी देश को दुनिया की ताकतवर सेना माना जाता है। देश की सैन्य ताकत से देश के लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा होती है।

लेकिन शायद आपको पता ना हों कि इस तरह दुनिया में ऐसे भी कई देश हैं जिनकी अपनी कोई सेना नहीं है बल्कि वहां की पुलिस ही ये सारे काम संभालती है। यह बात गौर करने लायक है कि ऐसे देशों की सबसे ज्यादा संख्या यूरोप में है।

तुवालु एक ऐसा देश है जहां आपको सुरक्षाबल ही मिलेंगे ही नहीं। क्षेत्रफल के हिसाब से यह काफी छोटा देश है।

ऐसे ही देशों में एक है यूरोपीय देश अंडोरा, जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेन और फ्रांस के हाथों में है। इसके अलावा मध्य अमेरिका का एक देश कोस्टारिका के पास भी अपनी कोई सेना नहीं है। तो वहीं समोआ के पास भी खुद की सेना नहीं है।

डॉमिनिका : 1981 में आर्मी की कुछ विषम गतिविधियों के वजह से इस देश ने सेना का परित्याग कर दिया था। अब यहाँ की पुलिस ही इन कार्यों को संभालती है।

ग्रेनाडा : अमेरिका के हमले के कारण यहाँ की सरकार ने 1983 में हमेशा के लिए सेना को अपने क्षेत्र से दूर कर दिया और रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम को निगरानी और सुरक्षा का काम सौंप दिया था।

आइसलैंड : देश में1869 से कोई आर्मी नहीं है। आइसलैंड नाटो संगठन का एक सदस्य है, और इसने यूनाइटेड स्टेट के साथ अपनी सुरक्षा का एग्रीमेंट किया हुआ है।

मॉरिशस : मॉरिशस में भी अपनी देश की कोई सेना नहीं है। 10,000 पुलिस कर्मचारियों से बनी पर्सनल फोर्स यहाँ की सुरक्षा, कानून की देखरेख और निगरानी करती है।

मोनेको : इस देश ने 17वीं शताब्दी में आर्मी पावर को अलग कर दिया था। जहाँ तक सुरक्षा की बात करें तो यहाँ 2 छोटी मिलिट्री यूनिट यहां हमेशा सक्रिय रहती हैं।

लिचटेंस्टाइन: इस देश से आर्मी को हटाने का कारण आर्थिक था। आर्मी का खर्चा वहन करने में यहाँ की सरकार सक्षम नहीं थी लेकिन युद्ध की स्थिति पैदा होने पर यहां सेना का संगठन इस देश की नीति में शामिल है।

हैती : 1995 से यह देश बिना सैनिक बल के हर परिस्थिति का सामना करता आ रहा है। हालांकि दुनिया में ऐसे देशों की संख्या करीब 22 है लेकिन अधिकतर ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा ऐसे देशों को दे रखा है जोकि पहले इन देशों पर शासन करते थे।

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