आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान अब वैश्विक स्तर पर घिर चुका है। शुक्रवार को ईरान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करें। ईरान ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है, तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ईरान भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है।

बता दें कि 13 फरवरी को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में एक फिदायीन हमले में 27 रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की मौत हो गई थी। दरअसल फिदायीन हमला पाकिस्तान का ही नागरिक था। उस हमलावर का नाम हफीज मोहम्मद अली था।

वहीं 14 फरवरी को भारत के जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्महद ने ली है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। सुरक्षा परिषद ने इस घटना के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया। संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया है।

गौरतलब है कि यूएनएससी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सुरक्षा परिषद के सदस्य जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य और कायरान तरीके किए गए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें भारत के सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, और इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

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