इस्लाम धर्म में मस्जिद खुदा की इबादतगाहें हैं। भारत में मस्जिदों का इतिहास सीधे सल्तनतकाल से जाकर जुड़ता है। खुदा को याद करने के लिए पांच वक्त की नमाज की यह इबादतगाहें, जहां अवाम को सुकून और शांति देती रहीं, तो वहीं शासक भी इन मस्जिदों में सिर नवा कर सजदा करते रहे। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं भारत की ऐसी 5 मस्जिदों के बारे में जो अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए दुनिया में खास जगह रखती हैं।

1- कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद

दिल्ली में यह मस्जिद इस्लामिक कला का बेजोड़ नमूना कही जाती है। इस मस्जिद का निर्माण कार्य 1192 में कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था, लेकिन वह इसे पूरा नहीं करवाया। बाद में इसे इल्तुतमिश ने 1230 और फिर 1315 में अलाउद्दीन खिलजी ने पूरा करवाया।

2- अढ़ाई दिन का झोपड़ा

इस मस्जिद का नाम सुनकर मन में किसी झोपड़े की ही आकृति बनती है। लेकिन अजमेर स्थित इस मस्जिद का नाम है अढ़ाई दिन का झोपड़ा। इसके निर्माण को लेकर कहा जाता है कि इसे बनाने में तकरीबन अढ़ाई दिन का समय लगा। इस मस्जिद को मोहम्मद गोरी ने 1198 में बनवाया था। यह मस्जिद भारतीय मुस्लिम समुदाय में विशेष स्थान रखती है।

3- अजमेर की जामा मस्जिद

अजमेर स्थित यह मस्जिद 45 मीटर लंबी है और इस मस्जिद की 11 मेहराबें हैं। यह मस्जिद मकराना के सफ़ेद संगमरमर की बनी हुई है। मुगल शैली में निर्मित यह मस्जिद वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। मान्यता है कि इस मस्जिद के गुंबद को बनाने के लिए जिस संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है, वह उसी खदान से निकाला गया है, जिसमें से ताजमहल के लिए संगमरमर निकाला गया था।

4- जामा मस्जिद दिल्ली

दिल्ली स्थित जामा मस्जिद का निर्माण सन् 1656 में मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था। यह मस्जिद लाल और संगमरमर के पत्थरों से बनीं हुई है। लाल किले से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित भारत की बड़ी मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद के शाही इमाम के निर्देश देशभर के मुस्लिम समुदाय पर खास प्रभाव रखते हैं।

5- हजरत बल मस्जिद

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित इस मस्जिद को हजरतबल, अस्सार-ए-शरीफ, दरगाह शरीफ जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह मस्जिद श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध जगह डल झील के किनारे स्थित है। यहीं पर विश्वप्रसिद्ध हजरतबल दरगाह भी है। खूबसूरती में इस मस्जिद का कोई सानी नहीं, जबकि डल झील तो इसी सुंदरता को और बढ़ा देती है। इसी मस्जिद में हजरत मोहम्मद की दाढ़ी का बाल रखा गया है, इसलिए इस मस्जिद को बेहद पवित्र माना जाता है।

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