आजादी के बाद इंडिया के 5 पॉपुलर आर्मी चीफ
देश को सुरक्षित और हर खतरे से दूर रखने में इंडियन आर्मी का महत्वूर्ण योगदान है। जब वहां सैनिक देश की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं तभी हम चैन की नींद सो पाते हैं। देश की सेना जब बॉर्डर पर रहती है तो हम यहाँ चैन से रह पाते हैं। इसके लिए एक बेहतर आर्मी और चीफ की जरूरत होती है। आज हम आपको सबसे पॉपुलर 5 आर्मी चीफ के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा: 16 जनवरी 1949 से 14 जनवरी 1953
इन्होने देश को आजादी मिलने के बाद साल 1948 में सेना के कमांडर के रूप में पदभार संभाला। आखिरकार साल 1949 में करिअप्पा इंडियन आर्मी के कमांडर-इन-चीफ बने। इन्होने आर्मी चीफ के तौर पर 1949 से 1953 तक काम किया। इसके बाद इन्होने 1949 से 1959 तक राजपूत रेजिमेंट में कर्नल के रूप में काम किया। 1986 में केएम करिअप्पा को इंडिया के प्रेजिडेंट ने फील्ड मार्शल रैंक के सम्मान से भी नवाजा था।
2. फील्ड मार्शल जमशेदजी मानेकशा: 8 जून 1969 से 15 जून 1973 तक
फील्ड मार्शल जमशेदजी मानेकशा को उनके सहकर्मी सैम के रूप में जानते थे। वे टीम का नेतृत्व करते थे और वाकई में काफी साहसी भी थे। उन्हें सैन्य क्रॉस से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चूका है। मानेकशा का निधन 27 जनवरी, 2008 को हुआ था।
3.जनरल अरुण कुमार श्रीधर वैद्य:1 अगस्त 1983 से 31 जनवरी 1985
जनरल वैद्य को 1965 में भारत—पाकिस्तान युद्ध के दौरान बतौर कमांडेट अपनी बहादुरी के कारण महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
उनके सेना में योगदान और बहादुरी को देखते हुए साल 1983 में उन्हें परम विशिष्ट सेवा मैडल दिया गया था। उसी साल 1 अगस्त को श्रीधर वैद्य ने आर्मी चीफ की पोस्ट संभाली। रिटायर होने के बाद 10 अगस्त 1986 में उनकी मृत्यु हो गई।
4. जनरल वेद प्रकाश मलिक: 1 अक्टूबर 1997 से 30 सितंबर 2000 तक
साल 1989 में वेद प्रकाश मलिक को माउंटेन डिवीजन के कमांडिंग जनरल ऑफिसर के चुना गया। फिर सन 1995 में उन्हें प्रतिष्ठित परम विशिष्ट सर्विस मैडल से नवाजा गया।
साल 1997 में वेद प्रकाश मलिक इंडियन आर्मी के 19वें आर्मी चीफ बने। उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान कई अवार्ड दिए गए।
5. जनरल वीके सिंह: 31 मई 2010 से 31 मई 2012
मात्र 2 साल तक सेनाध्यक्ष रहने वाले जनरल वीके सिंह इंडियन आर्मी के सबसे चर्चित चीफ्स में से एक थे। राजपूत रेजिमेंट में आधिकारी के तौर पर भी उनका प्रदर्शन वाकई शानदार रहा। साल 2009 में वीके सिंह को राष्ट्रपति परम विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित किया था।