भारतीय सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना में से एक है। 12वीं के बाद आप भारतीय सेना में करियर बनाने के बारे में सोच सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप भारतीय सेना में 12वीं के बाद कैसे जा सकते हैं?

NDA के माध्यम से हों शामिल

जो लोग 12वीं के बाद भारतीय सेना में शामिल होना चाहते हैं वे भारतीय सशस्त्र बलों की संयुक्त सेवा अकादमी, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में शामिल हो सकते हैं।

इसमें साढ़े 16 से लेकर 19 साल तक के पुरुष ही जा सकते हैं। छात्रों को UPSC द्वारा आयोजित NDA एग्जाम को क्लियर करना होता हिअ। फिर उन्हें सेवा चयन बोर्ड (SSB) द्वारा इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। फिर उन्हें NDA के तहत ट्रेनिंग के माध्यम से चुना जाता है।

NDA परीक्षा के लिए योग्यता

जो कैंडिडेट्स 12वीं पास कर चुके हैं या 12वीं में हैं वो NDA में जाने के बारे में सोच सकते हैं। UPSC द्वारा NDA एग्जाम साल में दो बार कंडक्ट करवाई जाती है। फर्स्ट एग्जाम मार्च-अप्रैल और दूसरी परीक्षा अगस्त-सितंबर में होता है।

साल 2018 में 9 सितंबर को NDA परीक्षा-2 आयोजित की गई थी। जिसके लिए आवेदन 6 जून को शुरू हुए और 2 जुलाई तक चले थे।

NDA में मिलता है तीन साल का प्रशिक्षण

कैंडिडेट्स को NDA में तीन साल की ट्रेनिंग मिलती है और फिर भारतीय सैन्‍य अकादमी (IMA) में एक साल की ट्रेनिंग लेनी होती है। NDA परीक्षा और SSB पास करने वाले स्टूडेंट्स को खडकवासला में NDA में 3 साल की अपनी ट्रेनिंग को पूरा करते हैं।

कैंडिडेट्स जवाहरलाल नेहरू कॉलेज से BA/B.Sc/बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस डिग्री प्राप्त करते हैं। इसके बाद, भारत की सेना में कैडेटों को एक साल की ट्रेनिंग देहरादून में IMA में होती है।

TES कोर्स के माध्यम से भी जा सकते हैं भारतीय सेना में

फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित में न्यूनतम 70% अंको के साथ 12वीं क्लास पास कर के 10+2 तकनीकी प्रवेश योजना (TES)में भी स्टूडेंट्स जा सकते हैं। इसके लिए साढ़े 16 साल से साढ़े 19 साल के मेल कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं।

अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो आप www.joinindianarmy.nic.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बात करें कैंडिडेट्स के सेलेक्शन की तो उनका सेलेक्शन PCM पर्सेंटेज के आधार पर कटऑफ़ के माध्यम से किया जाता है।

TES के लिए साल में 2 बार कर सकते हैं आवेदन

TES विभिन्न विषयों में चार वर्षीय बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) कराता है। इसके बाद कैंडिडेट्स लेफ्टिनेंट रैंक में सेना में स्थायी आयोग पर जाते हैं। 90 पदों के लिए TES साल में 2 बार एग्जाम कंडक्ट करवाता है।

TES-1 के लिए नवंबर-दिसंबर और TES-2 के लिए मई-जून के आसपास आवेदन होते हैं।

इन चरणों से होगा चयन

TES में सेलेक्ट हुए कैंडिडेट्स को भोपाल, बेंगलुरू, इलाहाबाद या पंजाब के सेंटर्स पर SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। SSB की अवधि पांच दिन की होती है।

वहां उम्मीदवारों को समूह परीक्षण, मनोवैज्ञानिक परीक्षण और एक इंटरव्यू से गुजरना होता है।

TES कोर्स में चार वर्षीय प्री-कमीशन प्रशिक्षण भी है शामिल

TES के तहत, प्री-कमीशन ट्रेनिंग में 2 लेवल होते हैं। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (गया) में 1 साल की बेसिक ट्रेनिंग और कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (पुणे)/मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकॉम इंजीनियरिंग (मध्यप्रदेश)/मिलिट्री कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग (तेलंगाना) में तीन साल की ट्रेनिंग होती है /

चार साल के बाद, भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट रैंक से सम्मानित किया जाता हैै। फिर कैंडिडेट्स को CME (पुणे), MCEME (तेलंगाना), MCTE (मध्यप्रदेश) में एक साल पोस्ट-कमीशन ट्रेनिंग लेनी होती है।

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