हनुमान जी को मंगलवार के दिन सिंदूर और चोला क्यों चढ़ाते हैं?
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। बल, बुद्धि, विद्या और पराक्रम के देवता हनुमान जी को मंगलवार के दिन सिंदूर और चोला चढ़ाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि सिंदूर और चोला चढ़ाने से मूर्ति का स्पर्श होता है, इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इसका प्रभाव मनुष्य की तेजस्विता पर पड़ता है और शरीर को लाभ मिलता है।
आपको बता दें कि हनुमान जी को सिंदूर लगाने से जुड़ी धार्मिक मान्यता के पीछे एक बड़ी रोचक कथा है। कहते हैं एक बार हनुमान जी को जब जोरों की भूख लगी तो वे भोजन के लिए सीता जी के पास गए। सीता जी की मांग में सिंदूर लगा देखकर वे बहुत चकित हुए और उनसे पूछा कि मां, आपने ये क्या लगाया है? तब सीता जी ने उनसे कहा कि यह सिंदूर है। सौभाग्यवती महिलाएं अपने स्वामी की लंबी उम्र, उनकी प्रसन्नता और कुशलता के लिए इस लगाती है।
हनुमान जी ने सोचा कि अगर चुटकी भर सिंदूर लगाने से स्वामी को प्रसन्नता प्राप्त होती है, तो पूरे शरीर में सिंदूर लगाने से उनके स्वामी श्रीराम अमर हो जाएंगे और सदा प्रसन्न रहेंगे। फिर क्या था, हनुमान जी ने अपने बदन पर सिंदूर लगा लिया और श्रीराम की सभा में गए।
हनुमान जी यह रूप देखकर सभी सभासद हंसने लगे। लेकिन श्रीराम जी ने स्वयं के प्रति उनके प्रेम को देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को यह वरदान दिया कि जो मुनष्य मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करेगा, उस पर स्वयं श्रीराम भी कृपा करेंगे और उसके बिगड़े काम बन जाएंगे।
हनुमान जी को सिंदूर लगाने के पीछे वैज्ञानिक रहस्य
विज्ञान के अनुसार, हर रंग में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती है। चूंकि सिंदूर ऊर्जा का प्रतीक है, इसलिए हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के बाद जब जातक इससे तिलक करता है। तब दोनों आंखों के बीच स्थित ऊर्जा केंद्र सक्रिय हो जाता है। इस प्रक्रिया से मन में अच्छे विचार आते हैं। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि हनुमानजी को घृत मिश्रित सिंदूर अर्पित करने से बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है।