आज भारतीय सेना के पास आधुनिक रायफल्स है जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना दुश्मन का सामना करने के लिए करती है। इनका नाम सुनते ही दुश्मन खौफ खाने लगते हैं। भारत दुनिया में हथियारों के मामले में चौथी सबसे बड़ी शक्ति है। बंदूकों की अहम भूमिका होती है और आज हम आपको उन बंदूकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारतीय सेना इस्तेमाल करती है।

1- पिस्टल ऑटो 9एमएम 1A

पिस्टल ऑटो 9एमएम भारतीय सेना की सबसे स्टैंडर्ड गन है। इसका इस्तेमाल भारत की सेना, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और राज्य पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है। ये सेल्फ लोडिंग, रिकॉइल ऑपरेटेड और सेमी ऑटोमैटिक पिस्तौल है। इसमें 9×19 पैराबेलम गोलियों का इस्तेमाल होता है। इस गन में अगर एक बार बुलेट्स लोड करने पर ये 13 बार फायर कर सकती है। यह पिस्तौल पश्चिम बंगाल के इच्छापुर में स्थित राइफल फैक्ट्री में तैयार होती है।

2- एके-103 असॉल्ट राइफल

राइफल एके-74एम का ही विकसित रूप है। एके-103 राइफल का इस्तेमाल पुराने राइफल की तरह भी किया जा सकता है। इसे ग्रेनेड लॉन्चर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

3- एकेएम असॉल्ड राइफल

यह राइफल एके-47 का उन्नत रूप है। ये सेमी ऑटोमैटिक और फुली ऑटोमैटिक दोनों ही मोड में इस्तेमाल की जा सकती है और 1 मिनट के अंतराल में इसके माध्यम से आप 600 राउंड गोलियां फायर कर सकते हैं। एके-47 सीरिज़ पूरे वर्ल्ड में काफी अधिक इस्तेमाल होती है। सेना के अलावा ये बंदूक पैरामिलिट्री फोर्स, गार्ड, घातक, बीएसएफ और एनएसजी द्वारा भी यूज की जाती है।

4- इनसास असॉल्ट राइफल

इनसास (इंडियन न्यू स्मॉल आर्म्स सिस्टम) स्टैंडर्ड राइफल भारतीय सेना में बहुत इस्तेमाल होती है। पहली बार इस गन का इस्तेमाल कारगिल युद्ध के समय 1999 में हुआ था।

5- ड्रैग्नोव एसवीडी 59 स्नाइपर राइफल

यह राइफल काफी खास है। ये भी सेमी ऑटोमेटिक और फूली ऑटोमेटिक दोनों रूप में इस्तेमाल की जा सकती है। इस बन्दुक की मदद से आप 600 राउंड गोलियां फायर कर सकते हैं एके-47 सीरिज़ की बंदूकें दुनिया में सबसे ज़्यादा चलती है।

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