पाकिस्तान के तीन पूर्व विदेश सचिवों ने अपनी सरकार को सचेत किया है कि भारत की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से निपटने की तैयारी करके रखें। इसके अतिरिक्त इस संकट को शांतिपूर्ण ढंग से निपटने में कूटनीति की मदद लें।

डॉन समाचारपत्र में प्रकाशित एक संयुक्त लेख में पाकिस्तान के तीन पूर्व विदेश सचिव रियाज मोहम्मद खान, रियाज हुसैन खोखर और इनामुल हक ने भारत और पाकिस्तान की मीडिया, राजनीतिक नेतृत्व और खुफिया संस्थानों से यह अपील की है कि इस अशांत वातावरण में संतुलन बनाने के उपाय करने तथा संयम बरतने की जिम्मेदारी निभाएं।

ए टाइम फॉर रीस्ट्रेंट शीर्षक से छपे इस लेख के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद खतरनाक स्तर पर हैं। पीएम मोदी ने सेना को पुलवामा का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी है। इस लेख कहा गया है कि यह मुंबई नहीं पुलवामा है। पुलवामा में एक स्थानीय किस्म की कार्रवाई हो सकती है। मुंबई में भारत ने संयम बरता था, इसके विपरीत नई दिल्ली ने युद्ध का नगाड़ा बजा दिया है।

ए टाइम फॉर रीस्ट्रेंट शीर्षक से छपे इस लेख में पाकिस्तान के तीनों पूर्व सचिवों ने लिखा है कि सबसे पहले पाकिस्तान को बिना कुछ उकसावे की कार्रवाई किए किसी भी संभावित आक्रामक कार्रवाई को नाकाम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मुकम्मल तैयारी खुद ही तनाव में किसी इजाफे को नाकाम कर देगी।

गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस कायराना हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि इस आतंकी हमले का बदला लेने के लिए सेना को खुली छूट दे दी गई है।

Related News