बता दें कि करीब 30 हजार पाकिस्तानी सैनिक एलओसी पार करके कश्मीर में घुस आए थे। इन सभी सैनिकों ने स्थानीय लोगों की वेशभूषा बना ली थी। जी हां, इस घटना की तारीख 5 अगस्त 1965 है। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय सेना और सरकार को 15 अगस्त 1965 को पाकिस्तानी सेना के घुसपैठ का समाचार मिला।

स्थानीय मुखबिरों ने भारतीय सेना के अधिकारियों को यह महत्वपूर्ण सूचना दी। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने एक सितंबर 1965 को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया। दरअसल पाकिस्तानी सेना जम्मू के अखनूर जिले पर कब्जा करना चाहती थी। 6 सितंबर को भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में जोरदार हमला किया। इतना ही नहीं भारत ने इसे युद्ध घोषित करते हुए पश्चिमी सीमा से अंतर्राष्ट्रीय सीमा लांघ दी।

कई मोर्चों पर युद्ध लड़ते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 1800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, जबकि करीब 550 वर्ग किलोमीटर पर पाक का कब्जा हो गया। इंडियन आर्मी के जांबाजों ने 90 से ज्यादा अमेरिकन पैटर्न टैंकों को तहस-नहस कर दिया। जबकि इस युद्ध में भारत के 30 टैंक नष्ट हुए थे।

विश्व शक्तियों के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध विराम घोषित कर दिया गया। रूस के ताशकंद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाक जनरल अयूब खान के बीच हुए समझौते के बाद ये दोनों देश 1965 की सीमाओं की स्थिति बनाए रखने पर राजी हो गए।

बता दें कि 1947 में पाकिस्तान एक बार युद्ध हार चुका था, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच यह दूसरी जंग थी। 1965 के युद्ध को कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। 1965 के युद्ध में पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को घुसपैठियो के रूप में इसलिए भेजा था, ताकि कश्मीर की जनता भारत के खिलाफ विद्रोह कर देगी।

पांच महीने तक चले इस युद्ध में दोनों पक्षों के हजारो लोग हताहत हुए थे। संयुक्त राष्ट्र द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के बाद इस जंग की समाप्ति हुई थी। 1965 की जंग में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से मात दी थी।

Related News