मंदिरों में प्रवेश करते वक्त क्यों बजाते हैं घंटी, क्या है इसकी असली वजह?
हिंदू धर्म में यह अक्सर देखने को मिलता है कि जब लोग मंदिरों में प्रवेश करते हैं, तब घंटियां जरूर बजाते हैं। सामान्यतया भगवान के दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते वक्त तथा मंदिर से वापस लौटते समय भक्तगण घंटियां बजाते हैं। लेकिन क्या आपने यह बात कभी सोचा है कि केवल धार्मिक मान्यता की वजह से मंदिर के प्रवेश द्धार घंटियां लगाई जाती हैं, या फिर इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है।
बता दें कि प्राचीन काल से ही देवालयों के बाहर घंटियों को लगाए जाने की परंपरा शुरू हो चुकी थी। मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटियों की आवाज नियमित रूप से आती रहती हैं, वहां का वातावरण सुखद और पवित्र बना रहता है। पुराणों के अतिरिक्त हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मंदिर में घंटी बजाने से इंसान अपने पापों से मुक्त हो जाता है।
अध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो मुख्य रूप से 4 प्रकार की घंटियां बताई गई हैं। इनमें क्रमश: गरूड़ घंटी, द्वार घंटी, हाथ घंटी और घंटा। बता दें कि मंदिर की घंटियां चांदी, पीतल और अन्य पंच तत्वों से मिलकर बनाई जाती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हम सभी जब भी मंदिर की घंटियां बजाते हैं तब उसके कंपन से जो ध्वनि निकलती है, उससे वातावरण में मौजूद तमाम तरह के कीटाणु और विषाणु आदि नष्ट हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त वातावरण में मौजूद कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है एवं व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।