बता दें कि अमेरिकी रक्षा कंपनी ने केवल भारत को ही अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-21 बेचने की पेशकश की है। विमान निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी के मुताबिक, यदि भारत 114 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर देता है, तो सिर्फ उसी को यह लड़ाकू विमान दिए जाएंगे, अमेरिका किसी अन्य देश ऐसे फाइटर जेट नहीं देगा।

बता दें कि अमेरिकी जेट F-16 के मुकाबले फाइटर जेट F-21 काफी ज्यादा एडवांस है, जो कम ईंधन में ही लंबी दूरी तय कर सकता है। इस फाइटर जेट को भारत की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। फाइटर जेट F-21 को भारत में बने 60 से ज्यादा एयर फोर्ट स्टेशनों से इसे संचालित किया जा सकता है। फाइटर जेट F-21 में ज्यादा हथियार ले जाने की क्षमता है।

F-21 फाइटर से किसी भी लक्ष्य को नष्ट ध्वस्त करने में ज्यादा आसानी होगी, क्योंकि इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर सिस्टम लगा हुआ है। लॉकहीड मार्टिन कंपनी के रणनीतिकार विवेक लाल के अनुसार, F-16 और F-21 की क्वालिटी में बहुत ज्यादा अंतर है। इस आधुनिक विमान में लगा रडार पिछले विमान की तुलना में ज्यादा ताकतवर है। विवेक लाल ने कहा कि यदि भारत इस विमान को खरीदने का करार करता है, तो अमेरिका इस ताकतवर विमान को दुनिया के किसी अन्य देश को नहीं बेचेगा।

अमेरिकी विमान कंपनी कहना है कि यदि लॉकहीड को करार मिला तो वह भारत के टाटा ग्रुप के साथ मिलकर F-21 अत्याधुनिक सेंटर बनाएगी। इससे भारत में ही रक्षा निर्माण का ढांचा तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।

बता दें कि भारत अपनी सीमा को सुरक्षित करने के मकसद से करीब 18 अरब डॉलर खर्च करने को तैयार है, जिसके जरिए 114 फाइटर जेट F-21 खरीदे जाने हैं। भारत के साथ करार के मुख्य दावेदारों में अमेरिकी कंपनी लॉकहीड के अलावा राफेल, यूरोफाइटर टायफून, रूसी विमान मिग-35 आदि शामिल हैं।

गौरतलब है कि भारत बालाकोट एयर स्ट्राइक और तनाव के माहौल में बड़े रक्षा सौदे करने को तैयार है। जहां अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल की पहली किस्त सितंबर में भारत आ रही है, वहीं भारत अब अमेरिकी फाइटर जेट F-21 के करार को अंतिम रूप देने में लगा है और यह भारत का सबसे बड़ा रक्षा सौदा हो सकता है।

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