रेलवे स्टेशन मास्टर को रेलवे विभाग की सबसे प्रतिष्ठित अधिकारिक नौकरियों में से एक माना जाता है। स्टेशन परिसर के अंदर प्रत्येक आधिकारिक काम की निगरानी, ​​निर्देशित करना इनका काम होता है। ये एक जिम्मेदारी वाला काम है क्योकिं एक रेलवे स्टेशन मास्टर के सर पर कई तरह की जिम्मेदारियां होती है।

एक रेलवे स्टेशन मास्टर कैसे बन सकते हैं?

रेलवे स्टेशन मास्टर बनना बेहद मुश्किल है और इसके लिए बहुत मेहनत भी करनी होती है। रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा नियमित अंतराल पर परीक्षा आयोजित करवाई जाती है जिसमे विशेष क्षमता और शैक्षणिक योग्यता होना जरुरी होता है।

कैंडिडेट्स के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होना भी जरूरी होता है। रेलवे स्टेशन मास्टर बनने या परीक्षा के लिए उपस्थित होने की उम्र सीमा 18 से 32 साल के बीच है।

एक रेलवे स्टेशन मास्टर बनने के लिए चयन प्रक्रिया-

भारतीय रेलवे की आवश्यकता के अनुसार पूरे देश में स्टेशन मास्टर्स बनने के लिए रेलवे द्वारा समय समय पर नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।

रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से स्टेशन मास्टर्स पदों को भरने के लिए कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन एग्जाम कंडक्ट करवाया जाता है। रिटर्न एग्जाम में 2 लेवल होते हैं प्री और मेन एग्जाम। इसे क्लियर कर लेने के बाद एलिजिब्लिटी और डाक्यूमेंट्स की जांच की जाती है।

स्टेशन मास्टर पोस्ट के लिए प्रीलिम्स परीक्षा में 4 सब्जेक्ट्स अंकगणितीय क्षमता, सामान्य ज्ञान और सामान्य अंग्रेजी (वैकल्पिक) से सवाल किए जाते हैं। एग्जाम में ओब्जेक्टिवेस पूछे जाते हैं और ये एग्जाम कुल 100 मार्क्स का होता है जिसे सॉल्व करने के लिए 90 मिनट का समय दिया जाता है।

जिन कैंडिडेट्स का एग्जाम क्लियर हो जाता है उन्हें ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है।

रेलवे स्टेशन मास्टर को कितनी सैलरी मिलती है?

सैलरी पे स्केल के अनुसार तय की जाती है। उनकी पोस्ट और ग्रेड के अनुसार उन्हें सैलरी मिलती है। रेलवे स्टेशन मास्टर को उच्च स्तरीय अधिकारी माना जाता है और और इनकी सैलरी 5200-20200 रुपये के बीच होती है। ग्रेड पे 2800 रुपये होता है और कुल सैलरी 38000 रुपये होती है।

इसके अलावा हाउस किराए पर भत्ता (अगर रहने वाले क्वार्टर प्रदान नहीं किए जाते हैं), महंगाई भत्ता, मेडिकल लाभ और भविष्य निधि जैसी सुविधाएं भी दी जाती है।

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