पद्मावत ग्रंथ के अनुसार जब चित्तौड़ के राजा महारावल रतन सिंह ने राघव चेतन पंडित को अपने राज्य से देश निकाला दे दिया था तो उसके बाद राघव चेतन अपने बदले की आग में जल रहा था और अपने इस अपमान का बदला लेना चाहता था। इसलिए वह सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के पास चला गया। अलाउद्दीन खिलजी के सामने जाकर राघव चेतन चित्तौड़ के सारे राज खोल दिए थे।

राघव चेतन महारानी पद्मिनी के अलावा उन तीन चीजों के बारे में भी बता दिया था जिन्हे सुनने के बाद खिलजी उन्हें पाना चाहता था और उन्हें पाने के लिए खिलजी ने तुरंत चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर दिया था।

उनमें पहली चीज थी हीरामणि तोता, जो कि इंसानों की तरह ही बाते करता था और ज्ञान की बातें भी लोगों को बताता था। हीरामणि तोता महाराज महारावल रत्न सिंह को सबसे प्रिय था।

दूसरी चीज थी पारस पत्थर जो कि किसी भी चीज को छूता था तो वो चीज सोना बन जाती थी। यह पत्थर महारावल रतन सिंह ने छुपा कर रखा था जो आज तक किसी को नहीं मिला है।

तीसरी चीज थी नीलम नग यह एक ऐसा नग था जिसमें एक विशेष प्रकार की दवा भरी हुई थी। यदि कोई व्यक्ति इसका सेवन करता है तो वह कभी बूढ़ा नहीं लगता है। खिलजी ने जब इन चीजों के बारे में सुना तो उसने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था।

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