सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने फैसले में केंद्र सरकार के सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है। भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ की है।

कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है, जिसमें संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम को बरकरार रखा गया है।' जयराम ने कहा कि ये संशोधन 2005-06 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है, जिसने जुलाई 2010 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद विचार-विमर्श किया गया और 2014 तक विधेयक तैयार हो गया।

बेंच ने 3-2 से सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने 3-2 के अनुपात से अपना फैसला सुनाया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने इसका समर्थन किया, जबकि जस्टिस एस रवींद्र भट और मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने इस मुद्दे पर असहमति जताई।

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