आजकल आधार कार्ड न केवल एक व्यक्ति की पहचान का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, बल्कि इसका उपयोग वित्तीय संबंधों से लेकर सरकारी योजनाओं तक में भी हो रहा है। अब एक महत्वपूर्ण बदलाव के साथ आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में किया गया है, जिसकी जानकारी UIDAI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की है।

इस नए बदलाव के अनुसार, अब आधार कार्ड बनवाने के लिए पात्र व्यक्ति की उंगलियों के निशान न होने की स्थिति में आईरिस स्कैन (IRIS Scan) के माध्यम से नामांकन किया जा सकता है। इस बदलाव के बाद, सरकार ने आधार नामांकन की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। यह बदलाव उन लोगों के लाखों लाभान्वित करेगा जिनकी उंगलियां नहीं हैं या जिन्हें अन्य तरीके से विकलांगता है। नए नियमों के अनुसार, अब आँखों के स्कैन के माध्यम से भी आधार बनवाया जा सकता है।

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इस बदलाव का मुख्य कारण एक महिला, जोसीमोल पी जोस, केरल में एक आधार सेवा केंद्र में नामांकन करने में आए हुए हाथ की कमी को लेकर हुए वार्ता के बाद सामने आया था। इसके बाद, जिसने उंगलियों से नामांकन करने में असमर्थता की स्थिति में भी IRIS स्कैन के जरिए आधार बनवाने की बात की थी। इस घटना ने नए नियमों की आवश्यकता को प्रमोट किया और उंगलियों की अनिवार्यता को समाप्त करने का कारण बना।

इस संबंध में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी UIDAI द्वारा एक्स हैंडल पर जानकारी शेयर की गई है। इसमें आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बयान का जिक्र करते हुए बताया गया है कि, 'सभी आधार सर्विस केंद्रों के लिए नए स्टैंडर्ड एडवाइजरी जारी की गई है कि ऐसे व्यक्तियों के दूसरे बायोमैट्रिक्स डाटा का इस्तेमाल कर आधार जारी किया जाए, जिनकी उंगलियां नहीं हैं या फिर जिन्हें अन्य किसी तरह की विकलांगता है।'

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