लोगों के जीवन में कई बदलाव आए हैं। खाने-पीने की आदतों में बदलाव आया है। पर्यावरण की बात करें तो यह भी प्रदूषित हो गया है। सिगरेट, हुक्का और धूम्रपान उत्पाद दुनिया भर में उपलब्ध हैं।

जिसका सेवन कर हम अपना नुकसान कर रहे हैं। इससे माहौल भी खराब होता है। मनुष्य ने प्रकृति से खुद को अलग कर लिया है। इससे कोरोना, मंकीपॉक्स जैसी संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। इसी वजह से भारत में करीब दो करोड़ अस्थमा के मरीज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दावा किया है कि अगर हम अपने स्वभाव का ध्यान नहीं रखेंगे तो यह जानलेवा बीमारी और बढ़ेगी।

आज, शहर प्रतिदिन लगभग एक मिलियन टन कचरा उत्पन्न करते हैं। जिसका अभी तक कोई सुरक्षित इलाज नहीं है। कहां जलाएं और कहां न जलाएं, कई जगहों पर कूड़े के ढेर नजर आते हैं और कई जगह बिना सोचे-समझे जला दिया जाता है। इससे निकलने वाला प्रदूषित धुंआ आपके फेफड़ों में जलन पैदा करता है। इसलिए आप ठीक से सांस नहीं ले पा रहे हैं। इसी वजह से लोग दमा के शिकार हो जाते हैं।

आपके फेफड़े आपके दिल और फेफड़ों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। जब आपको शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है, तो आपका दिमाग सक्रिय रहता है और आप दिन भर बेहतर महसूस करते हैं। वही बात जब आप सिगरेट विडी, हुक्का जैसे किसी धूम्रपान उत्पाद का सेवन करते हैं तो शुद्ध ऑक्सीजन भी जहरीली हो जाती है। जिससे आपके फेफड़े खराब हो जाते हैं। आप तब अस्थमा से पीड़ित थे।

क्या है हल?

जो लोग रोज ऑफिस जाते हैं और जो छात्र स्कूल और कॉलेज जाते हैं उन्हें फेफड़ों की समस्या जल्दी हो सकती है। जहां आप में से कई लोग सिगरेट पीते हैं, वहीं कुछ लोग खुद धुएं के शिकार होते हैं। इसमें आपको रोजाना 500 मीटर पैदल चलकर दौड़ना चाहिए। अगर आपके पास इसके लिए समय नहीं है तो घर पर ही योग का अभ्यास करें। इससे आपके फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहेंगे।

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