रॉकेट तकनीक के माहिर श्री के. शिवन भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो ) के चेयरपर्सन श्री के शिवन के नेतृत्व में लांच हुआ चंद्रयान -2 मिशन अब 48 दिन तक अपना सफलता पर काम करेगी। बात करें के. शिवन रॉकेट मैन के नाम से मशहूर इस वैज्ञानिक के जीवन के बारे में तो वो बहुत ही गरीब परिवार से तालुका रखते है लेकिन समय के साथ साथ सब कुछ बदल गया तो चलिए आज जानते है इस सफलता पर उसे जुड़ी कुछ बाते।


मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से वर्ष 1980 में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त करने वाले शिवन ने भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु से वर्ष 1982 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली | उन्होंने वर्ष 2006 में IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में PHD की उपाधि प्राप्त की |


शिवन का ताल्लुक एक किसान परिवार से है। ग्रामीण भारत में एक गरीब किसान परिवार के सामने जैसी चुनौतियां आती है उससे शिवन भी रु-ब-रु हुए। 6 सदस्यों के उनके परिवार में केवल पिता ही कमाने वाले थे। कहते है बेटे को पढ़ाने के लिए पिता ने एक एकड़ जमीन का चौथाई भाग बेचकर उनका नांमाकन MIT में कराया। आज इतनी बड़ी सफलता पर पूरा देश गर्व कर रह है और चंद्रयान -2 के लिए भी उसी तरह कामयाबी मिले जैसे चंद्रयान -1और मंगल मिशन को मिली यही कामना कर रहा है।


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