हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक मुंडन संस्कार भी है। छोटे बच्चों का मुंडन संस्कार करने की परंपरा आज तक कायम है। इतना ही नहीं हिंदू धर्म में जब किसी की मौत हो जाती है तब भी लोग मुंडन कराते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि मुंडन को इतना महत्व क्यों दिया जाता है?

कुछ लोग बच्चों का मुंडन संस्कार महज इसलिए करवाते हैं, क्योंकि वो बचपन से ही अपने परिवार में ऐसा देखते आए हैं। वहीं कुछ लोग इसे एक आध्यात्मिक परंपरा समझकर मुंडन संस्कार करवाते हैं। लेकिन इसके पीछे जो असली वजह है, उसे बहुत कम लोग जानते हैं।

बता दें कि जब बच्चा गर्भ में होता है तब उसके सिर के बालों में हानिकारक बैक्टीरिया लगे होते हैं, जो धोने से भी नहीं निकल पाते हैं इसलिए बच्चे का मुंडन करवाया जाता है। मतलब साफ है, नवजात को संसार के नए गुण ग्रहण करने के लिए नए बालों का आगमन शुभ माना जाता है। मां के पेट से आए बालों को हटाने पर मलिन संस्कारों से मुक्ति मिलती है। मान्यता यह भी है कि मुंडन संस्कार से शिशु का मस्तिष्क और बुद्धि दोनों ही पुष्ट होते हैं।

हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार के दौरान सिर पर चोटी छोड़ने की परंपरा है। इसके पीछे वैज्ञानिक महत्व भी बताया गया है। बता दें कि सिर के मध्य में जहां चोटी रखी जाती है, वह स्थान शरीर के अंगों, बुद्धि और मन को नियंत्रित करने का स्थान भी है। इस स्थान से मस्तिष्क का संतुलन सही बना रहता है।

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