अगर हम आपसे पूछें कि क्या आपने कभी प्लास्टिक खाया है? तो आप पूछेंगे कि ये कैसा सवाल है? भला प्लास्टिक कौन खाता है? लेकिन आपको बता दें कि आप केवल प्लास्टिक खा ही नहीं रहे हैं बल्कि ये आपकी सांस के साथ भी अंदर जाता है। हवा में घुला हुआ प्लास्टिक हमारे सांस लेने पर अंदर जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग ढाई लाख टन प्लास्टिक समंदर में तैर रहा है। ये जैविक तरह से खत्म नहीं होता है। समंदर में जो प्लास्टिक कचरा है, उसे मछली वगैरह जलीय जीव भोजन समझ कर खा ले रहे हैं और उनके माध्यम से ये हमारे खाने में भी पहुंच रहा है।

यह हमारे लिए चिंता की बात है। डॉयचे वेले की रिपोर्ट के अनुसार, हम 1 हफ्ते में करीब 5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक खाते हैं यानी एक क्रेडिट कार्ड के बराबर। हम केवल प्लास्टिक खा नहीं जाते बल्कि ये हवा में भी घुला हुआ है।

इस बात को साबित करने के लिए वैज्ञानिकों ने शहर के खुले वातावरण में एक घंटे के लिए एक फिल्टर पेपर को रखा। इसे जब लैब में लेकर गए तो इसमें फिलामेंट, फ्रेगरेंस, ड्रीटलाइट वाले वगैरह कई तरह के माइक्रोप्लास्टिक पाए गए। इसी को हम भी सांस के साथ अंदर खींच लेते हैं।

Related News