इन घरेलु फूलों का उपयोग करके आप अनेक रोगों से पा सकते हैं छुटकारा
फूलों से घर में नकारात्मक प्रभाव दूर होते है और घर में सकरात्मक ऊर्जा आती है. ये फूल घर सजाने के साथ साथ खुशी भी बिखेरते है. पूजा में भी उपयोग किया जाता है और उसके साथ ये फूल कई आयुर्वेदिक गुणो से भी भरे होते है.
हम आज आपको ऐसे ही कुछ घरेलू फूलों के औषधिय गुणों के बारे में बताएँगे.तो आइये जानते है कौन कौन से हैं ये फूल और इन फूलों के औषधिय गुण क्या क्या हैं.
गुडहल
गुडहल के फूल कई प्रकार और कई रंग में पाए जाते है. इसके फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उससे कहीं ज्यादा गुणवान होते हैं. इन फूलों का समान्य उपयोग देवी पूजा में विशेष रूप से किया जाता है लेकिन इन फूलों में अनेक रोग से लड़ने वाले चमत्कारी औषधिय गुण भी विद्यमान है. इन फूलों में वसा, फाइबर, विटामिन सी. कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट और आयरन पाया जाता है. यह फूल मधुमेह, हाई ब्लड प्रेसर, संक्रमण, सर्दी-जुखाम और बुखार, गले के दर्द, दिल के रोग, स्किन रोग जैसे मुहासे, कालापन, झुर्रियां, गुर्दे की समस्याओं और कोलेस्ट्राल जैसी बिमारी को ख़त्म करने में मदद करता है. गुडहल के फूल का काढ़ा रेड वाइन के जैसे फ़ायदा पहुंचता है. इसके फूलों को हर्बल टी और चाय की तरह प्रयोग कर सकते है. ये फूल स्मरण शक्ति के साथ साथ स्नायु शक्ति भी तेज करते है.
गेंदा
गेंदा भी एक ऐसा फूल होता है जो कई प्रजाति रंग और प्रकार के होते हैं. ये फूल देखने में जितना सुन्दर होता है उतना ही गुणवान होता है. यह फूल जडीबुटी की तरह प्रयोग में आता है और ये फूल मच्छर को घर में आने से रोकते है. इसके फूल में गंध तेल, आर्गेनिक एसिड, कैरोटीनॉयड, फाइटोकोंस्टिट्यूएंट्स, स्टेरोल्स ग्लाइकोसाइड, और फैवानॉयड पाया जात है, जो त्वचा की समस्या में रामबाण का काम करता है. इनके फूल का प्रयोग साबुन शैम्पू और क्रीम बनाने में भी करते है. इन फूलों से त्वचा सम्बन्धी रोग जैसे किल मुहासे, कालापन, डार्क सर्कल, झुर्रियां में लाभ पहुंचता है और साथ साथ घावों को भरने में, रक्त परिसंचरण, चयापचय के नुकसान में भी काम आता है
गुलाब
गुलाब का फूल देखने में आकर्षक और औषधि गुणों से भरा होता है. इसके फूल घर की शोभा बढ़ने के साथ खुशबूदार और सुंदर भी होते हैं. यह 100 से ज्यादा प्रजाति प्रकार और अनेक रंगों के होते हैं. इसमें एंटी ओक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, विटामिन सी, बी और इ के गुण पाए जाते हैं. यह शारीरिक एवं मानसिक रोगों को दूर करता है. मसूढ़े, दांत की मजबूती, थकान, आलस्य, मुंह की दुर्गन्ध, मांस पेशियों में दर्द , जलन, तनाव, अनिद्रा, डी हाईडरेशन से बचाता है. यह त्वचा, ह्रदय रोग और पेट के लिए सर्वोतम औषधि है.
सेवंती
सेवंती का दूसरा नाम गुलदाऊदी है. यह कई रंग में पाए जाते हैं. इसके फूल ठण्ड के मौषम में खिलते हैं. ये फूल गुच्छो में और अलग अलग दोनों प्रकार के होते हैं. ये फूल देखने में जितने सुन्दर और मनमोहक लगते है सेहत के लिए उतने ही फायदेमंद भी है. इन फूलों में औषधि के गुण भी पाए जाते हैं. मासिक धर्म की अनियमिता और दर्द में इसका काढ़ा पीने से फायदा पहुँचता है. पेट दर्द में पानी या शहद के साथ पीने से आराम मिलता है. किडनी में पथरी होने पर इनके सूखे फूलों का चाय पी सकते है और यूरिन सही से ना होने की स्थिति में काली मिर्च के साथ काढ़ा बनाकर पीने से नियमित होने लगती है. ह्रदय रोग में इस फूलों की पत्तियों को गर्म पानी में हल्का गर्म करके पीने से फायदा पहुँचता है.