भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। सोने की कीमतें करीब 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर तक गई थीं। उसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे, क्योंकि ये निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। लेकिन जैसे ही कोरोना वैक्सीन की घोषणा हुई, देखते ही देखते सोने में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है और गिरते-गिरते सोना 47 हजार के करीब भी जा पहुंचा।

अभी सोना 50 हजार के स्तर के आस-पास कारोबार कर रहा है। ऐसे में निवेशकों में अगले साल यानी 2021 में सोने की चाल को लेकर चिंता है कि सोना कैसा कारोबार करेगा।

एक्सिस सिक्योरिटीज़ के अनुसार 2021 में भी सोने की कीमतें उदासीन रवैये वाली रहने की संभावना है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपने एक नोट में कहा कि सोने में अचानक इसलिए गिरावट आई, क्योंकि कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में सकारात्मक खबरें आने लगीं।क्रेडिट सुईस ने को उम्मीद है कि सोना आगे की तरफ बढ़ता रहेगा। उम्मीद है कि 2021 में जुलाई-सितंबर तिमाही तक सोने की कीमतें 2200 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएंगी। हालांकि, पहले क्रेडिट सुईस ने उम्मीद जताई थी कि कीमतें 2500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं और अब अपना अनुमान घटा दिया है। यानी क्रेडिट सुईस मानता है कि आने वाले वक्त में सोने की कीमतें में बढ़ोतरी होगी।


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