World Television Day: क्या आप भी टीवी देखते समय पहने है चश्मा ? जानें टीवी से जुड़े कुछ मिथक और उनके फैक्ट्स
मौजूदा समय में टीवी और मोबाइल लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। टीवी के सामने समय बिताने से सेहत पर असर तो पड़ता है, लेकिन इससे जुड़े कई ऐसे मिथक भी हैं, जिसे दूर करना सभी के लिए काफी जरूरी है। तो चलिए आज वर्ल्ड टेलीविजन डे के मौके पर जानते हैं टीवी से होने वाले नुकसान से जुड़े मिथकों के बारे में-
मिथक- टीवी देखते समय चश्मा जरूर पहनना चाहिए?
फैक्ट- आपने अक्सर कुछ लोगों को ऐसा कहते सुना होगा कि जिनकी आंखें खराब हैं, उन्हें हमेशा चश्मा पहनकर रखना चाहिए। साथ ही कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि अगर चश्मा पहन कर टीवी देखी जाए तो इससे आंखें खराब नहीं होगी। लेकिन इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।
मिथक - कम रोशनी में टीवी देखना नुकसानदेय है?
फैक्ट- कई लोगों का ऐसा मानना है कि कम रोशनी में टीवी देखना आंखों के लिए काफी हानिकारक होता है। लेकिन अगर विशेषज्ञों की मानें तो कम रोशनी से हमारी आंखे कुछ खास प्रभावित नहीं होती है। दरअसल, कम रोशनी में टीवी देखने पर हमारी आंखें रोशनी के अनुसार खुद को ढाल लेती हैं, जिससे आंखों पर कुछ खास असर नहीं पड़ता।
मिथक- लगातार टीवी स्क्रीन देखने से कमजोर होती हैं आंखें?
फैक्ट- लोगों की यह धारणा भी पूरी तरह से गलत है। अगर टीवी स्क्रीन ज्यादा देखने से आंखें खराब होती तो ऐसे लोगों के लिए लगातार कंप्यूटर के सामने बैठना भी मुश्किल हो सकता है। टीवी स्क्रीन से आंखे खराब तो नहीं होती, लेकिन हां लगातार टीवी के सामने बैठने से आंखों में पानी जाता है, इसलिए टीवी देखते समय यह जरूरी है कि आप बीच-बीच में ब्रेक लेते रहे।
मिथक- ज्यादा टीवी देखने वालों की गाजर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है?
फैक्ट- गाजर में मौजूद बीटा कैरोटीन और विटामिन-ए दोनों ही आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि ज्यादा टीवी देखने वालों के लिए गाजर ज्यादा फायदेमंद है। गाजर खाने से आंखों की रोशनी में कोई खास परिवर्तन नहीं आता है।