World Autism Awareness Day- बच्चों में ऑटिज्म के दिखाई देते हैं ये लक्षण, जानिए इनके बारे में
प्रतिवर्ष 2 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व आटिज्म अवेयरनस डे मनाया जाता हैं, इस दिन का मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना हैं, इससे लक्षण और इसके बारे में फैली गलतफहमियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना हैं और इससे बचने के उपायो के बारे में भी बताना है।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम क्या है?
आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर बालपन में प्रकट होता है, इस स्थिति में बच्चों के मस्तिष्क का विकास नहीं होता हैं, जिसके कारण वो सहीं से बोल नहीं पाते हैं, परिवार वालों को पहचान नहीं पाता हैं और अन्य कई परेशानियां होती हैं, सबसे जरूरी बात ये है कि इससे ग्रसित व्यक्ति अलग दिखाई देता हैं, जिसके अलग अलग लक्षण हैँ।
ऑटिज्म के लक्षण:
- बार बार एक ही बात बोलना या इशारा करना ।
- बोलने में परेशानियां
- आंखों से नहीं देख पाना।
- परिवार वालों और समाज वालों से बातचीत नहीं करना।
ऑटिज्म जागरूकता का महत्व
वैसे तो हर साल 2 अप्रैल को विश्व आटिज्म जागरूरता दिवस मनाया जाता हैं, लेकिन फिर भी इसके प्रति समाज में कई गलतफहमियां फैली हुई है। इन मिथकों को दूर करने के लिए ही हर साल इस दिवस को मनाया जाता हैं, जागरूकता से जल्दी ही इसके लक्षणों को पहचानना और जल्दी इलाज शुरू करने में मदद मिलती हैं और इससे पीड़ित लोगो को जीने में आसानी होती हैं।
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस में योगदान
ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति दया और समर्थन दिखाएं।
ऑटिज़्म के बारे में जानकारी साझा करने और समझ को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें।
न केवल ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को बल्कि अपने समुदाय में उनके परिवारों और देखभाल करने वालों को भी प्यार और समर्थन प्रदान करें।