इन 5 योद्धाओं के बिना रावण से कभी भी युद्ध नहीं जीत सकते थे श्री राम, जानिए कौन-कौन ?
आप लोगों में से कई लोग होंगे जिन्होंने रामायण एक बार नहीं बल्कि कई बार देखी होगी या फिर आप लोगों ने निश्चित रूप से रामायण की कहानी अवश्य पढ़ी होगी। लेकिन हम रामायण के ऐसे कुछ पात्रों को भूल गए है जिन्होंने राम रावण के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। यह सब राम की सेना के प्रमुख योद्धा थे, इतना ही नहीं बल्कि इन योद्धाओं के बिना भगवान श्री राम जी रावण से युद्ध नहीं जीत सकते थे।
सुग्रीव: सबसे पहले भगवान श्री राम जी की मदद सुग्रीव ने ही की थी सुग्रीव का रामायण युद्ध में राम की सहायता का भी बड़ा योगदान है अगर आपको याद होगा तो आपको पता होगा कि सुग्रीव की सेना ही रावण की सेना के साथ युद्ध कर रही थी।
जाम्बवन्त: आप लोगों ने रामायण देखी होगी तो आपको यह बात याद होगी कि जब महाबली हनुमान जी समुद्र के किनारे निराश बैठे हुए थे और वह अपने मन में यह विचार कर रहे थे कि किस प्रकार भगवान श्री राम जी के कार्य को पूरा किया जाए तो उस समय जाम्बवन्त ने हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाई थी।
जटायु: अरुण देवता के पुत्र जटायु है परंतु भारत के अंदर जटायु के विषय में अधिक जानने की कोशिश नहीं की गई है आपको याद होगा तो आपने देखा होगा कि जटायु ने रावण से लड़ते हुए अपने प्राण गवा दिए थे और राम जी को मैया सीता का सही पता इसी महान योद्धा से मिला था।
नल और नील: आप सभी लोगों ने नल और नील के बारे में तो सुना ही होगा वास्तव में देखा जाए तो नल के बिना भगवान श्री राम जी समुद्र पर सेतु बना नहीं सकते थे। रामायण में नल ने सेतु के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है।
अंगद: रामायण के पात्र में अंगद एक ऐसा राजदूत था जिसने रावण के सामने बहुत ही वीरता और बुद्धिमानी से अपनी बात रखी थी इसके साथ ही अंगद ने अपनी वीरता का नजारा भी युद्ध में दिखा दिया था आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि अंगद कितना बलशाली था कि रावण भी उसके पैर हिलाने में असमर्थ रहा था।