सावन के महीना आते ही आते ही चारो तरफ हरियाली छा जाती है। बारिश के कारण पेड़-पौधे भी हरे-भरे हो जाते हैं। प्रकृति के इस बदलते रंग के साथ-साथ महिलाओं का श्रृंगार भी बदल जाता है। हरा रंग प्रेम, प्रसन्न चित्त और खुशी का प्रतीक माना जाता है और इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग के श्रृंगार से भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं और अपनी खुशी का इजहार करती हैं।

हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है इसलिए सावन के महीने में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। लेकिन क्या आप ने गौर किया है कि सावन के महीने में महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां ही क्यों पहनती हैं। दरअसल, सावन का मतलब रोमांस, रोमांस का मतलब श्रृंगार और श्रृंगार का मतलब महिलाएं सावन में हरा रंग पहनकर न सिर्फ हम प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं बल्कि यह रंग हमारे भाग्य को भी प्रभावित करता है।


जिस प्रकार से लाल रंग एक सुहागन स्त्री के जीवन में सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। उसी प्रकार से हरा रंग भी उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि इस माह में यदि स्त्री हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं तो उसको भगवान शिव का आशीष मिलता है और उसके पति की उम्र भी लंबी होती है।

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