महाभारत का युद्ध अपने आप में दुनिया का सार हैं जो जीवन से जुड़े कई पहलुओं के बारे में बताती हैं। महाभारत के युद्ध के दौरान ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का सार बताया था। महाभारत युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र का चुनाव भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा ही किया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुरुक्षेत्र के चुनाव से जुड़ा भी एक रहस्य हैं।


मान्यताओं के मुताबिक कुरुक्षेत्र से जुडी एक कथा है एक बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को खेत की मेंड़ टूटने पर बहते हुए वर्षा के पानी को रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। इस पर बड़ा भाई गुस्से से आग बबूला हो गया और उसने छोटे भाई को छुरे से गोद कर मार डाला और उसकी लाश को घसीटता हुआ उस मेंड़ के पास ले गया और जहां से पानी निकल रहा था वहां उसकी लाश को पानी रोकने के लिए लगा दिया।

श्रीकृष्ण ने जब इस सच्ची घटना के बारे में सुना, तो उन्होंने तय किया कि यह भूमि भाई-भाई, गुरु-शिष्य और सगे-संबंधियों के युद्ध के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। कुरुक्षेत्र की धरती को लेकर भगवान श्री कृष्ण बिल्कुल निश्चिंत हो गए कि यहां पर भाइयों के युद्ध में एक दूसरे के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं होने देंगे। इसके बाद उन्होंने महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में करवाने का एलान कर दिया।

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