आखिर क्यों द्रोपदी को कहा जाता था सैरंध्री, इसका राज जानकर उड़ जाएंगे होश!
महाभारत भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लम्बा साहित्यिक ग्रंथ है। महाभारत में आप सभी द्रौपदी को जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप जानते है, रानी द्रौपदी का नाम द्रौपदी ही नहीं और भी है। रानी द्रौपदी राजा द्रुपद की बेटी थी, इसी के साथ उन्हें 'पांचाली' भी कहते हैं और वह इस कारण से क्योंकि द्रुपद पांचाल देश के राजा थे।
लेकिन आज हम आपको द्रौपदी एक नाम के बारे में बताएंगे जिसके बारे में बहुत काम लोग जानते है। द्रौपदी सैरंध्री से भी जानी जाती थीं। आपको बता दें कि 'सैरंध्री' का अर्थ होता है अपने पति के अलावा अन्य पुरुषों के साथ रमण करने वाली। जी हाँ द्रौपदी ने पांच पांडवों से विवाह किया था और समय-समय पर वह पांचों के साथ रमण करती थी।
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कहा जाता है कि द्रौपदी के पांच पुत्र थे, द्रौपदी ने एक-एक साल के गेप से पांचों पांडव के एक-एक पुत्र को जन्म दिया था और इसी तरह द्रौपदी के पांच पुत्र थे, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है। तो चलिए जानते है 5 पुत्र के नाम।
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* द्रौपदी से जन्मे युधिष्ठिर के पुत्र का नाम प्रतिविन्ध्य था।
* द्रौपदी से जन्मे भीमसेन से उत्पन्न पुत्र का नाम सुतसोम था।
* द्रौपदी से जन्मे अर्जुन के पुत्र का नाम श्रुतकर्मा था।
* द्रौपदी से जन्मे नकुल के पुत्र का नाम शतानीक था। और
* द्रौपदी से जन्मे सहदेव के पुत्र का नाम श्रुतसेन था।