आपने आज तक किसी इंसान के आत्महत्या करने के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने किसी पक्षी के आत्महत्या करने के बारे में सुना है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ही गाँव के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर हजारों की संख्या में पक्षी आत्म हत्या करते हैं।

असम के एक छोटे-से पहाड़ी गांव जटिंगा में हर साल अगस्त-अक्तूबर के दरमियान हजारों की संख्या में पक्षी आत्महत्या को चुनते हैं और इस घटना ने विश्वभर के वैज्ञानिकों को चकित कर रखा है।

असम के बोरैल हिल्स क्षेत्र में स्थित जटिंगा मुख्य रूप से जयन्तिया आदिवासियों का गांव है और रहस्यमय है। जटिंगा गांव असम के सबसे शहर गुवाहाटी से करीब 330 किमी दक्षिण में स्थित है। यहां का नजदीकी शहर यहां से करीब 9 किमी दूर हाफलॉन्ग टाउन है।

रात को सैकड़ों पक्षी बिल्डिंग्स और पेड़ों की ओर उड़ते हुए जाते हैं और उनसे टकराकर मर जाते हैं। इस बारे में अब तक कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है। हैरत की बात तो यह है कि ऐसा केवल अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच ही होता है। स्थानीय पक्षियों के साथ प्रवासी पक्षी भी ऐसा करते नजर आते हैं। इस दौरान हवा का दबाव भी काफी ज्यादा होता है और पूरे इलाके को गहरी धुंध घेर लेती है। एक खास बात यह भी है कि जानकारों के अनुसार ज्यादातर अवयस्क पक्षी ही यहां आत्महत्या करते हैं।

पक्षी विज्ञानियों के अनुसार चिड़ियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति नहीं होती है ऐसे में पक्षियों की इस तरह की घटना पर से विश्वास करना नामुमकिन है।

Related News