कड़ाके की ठंड में आखिर क्यों निकलती है मुँह से भाप, यहाँ जानिए वैज्ञानिक कारण
इस बार बेहद कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। सर्दी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कई राज्यों में पारा 5 डिग्री से भी नीचे हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना तक दूभर हो गया है।
कोहरे की चादरें सड़कों को घेरे रहती है। जब सर्दी बहुत ज्यादा पड़ती है तो हमारे मुँह से भाप भी निकलती है। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर सर्दियों में मुँह से भाप क्यों निकलती है?
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ये है मुँह से भाप निकलने का कारण
जब हम सांस लेते हैं तो हमारे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी बनता है। यही पानी जलवाष्प के रूप में आपके फेफड़ों द्वारा वाष्पीकरण की प्रक्रिया से मुंह या नाक से बाहर निकलता है।
सांस लेने की प्रक्रिया और पाचन के दौरान आपके शरीर में जो पानी बनता है और जो पानी हम पीते हैं वो पसीने, मूत्र विसर्जन और वाष्पीकरण से बाहर निकल जाता है।
इंसान के शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फेरेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस होता है। सर्दियों में हमारे द्वारा सांस लेने और कार्बनडाई छोड़ने के दौरान पानी भी बाहर निकलता है। तो जब यह पानी बाहर की ठंडी हवा से मिलता है तो इसका वाष्पीकरण शुरू हो जाता है। ये पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाता है और यही कारण है कि हम सांस लेते हैं तो ये हमें धुआं के समान दिखता है।