आखिर क्यों माथे पर तिलक लगाने के बाद लगाया जाता है चावल? जानें इसका कारण
आपने देखा होगा कि कोई भी पूजा या फिर मंदिर में जाने पर माथे पर तिलक लगाया जाता है। सबसे ज्यादा कुमकुम या रोली का तिलक लगाया जाता है और इसके बाद चावल के दाने भी लगाए जाते हैं।
इसके बाद कई पंडित तो चावल आपके सिर या आस-पास फेंकते भी हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि वे ऐसा क्यों करते हैं? इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या है इसके पीछे का धार्मिक कारण
ये परम्परा काफी पुरानी है और इस कारण तिलक के साथ चावल का इस्तेमाल भी किया जाता है। कई रिपोर्ट्स में ये भी कहा है कि चावल को सबसे शुद्ध अन्न माना जाता है। छोटी से छोटी पूजा से लेकर बड़े अनुष्ठान तक चावल का खास महत्व रहता है। यहाँ तक कि भगवान को लगने वाले भोग के लिए भी चावल का इस्तेमाल किया जाता है।
चावल को अक्षत भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कभी नाश नहीं होने वाला, इसलिए किसी भी कार्य की सफलता के लिए चावल का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि तिलक लगाने के बाद चावल भी लगाया जाता है।
अन्य कारण
कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इसी वजह से अब चावल लगाया जाता है तो उसके बाद उनके सिर पर और आसपास भी चावल को फेंका जाता है।