हिन्दू धर्म में चावल का विशेष महत्त्व होता है। कोई भी पूजापाठ हो हर जगह अक्षत के रूप में चावल का इस्तेमाल होता है। ऐसे ही माथे पर तिलक लगाते समय भी चावल का प्रयोग किया जाता है। लेकि क्यों होता है आइये आज हम आपको बतायेंगे ऐसा क्यों किया जाता है।

माथे पर तिलक के बाद चावल लगाने के पीछे जो तर्क दिया जाता है वह यह है कि चावल सबसे शुद्ध अन्न होता है। यह छोटी पूजा से लेकर बड़े अनुष्ठानों तक में इस्तेमाल किया जाता है। चावल से भगवान को भी भोग लगाया जाता है। यही वजह है की तिलक में भी चावल का इस्तेमाल किया जाता है।

सनातन धर्म में चावल को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि चावल घर में खुशहाली और पैसा लाता है इसलिए घर के सभी शुभ और धार्मिक कार्यों में चावल का किया जाता है।

एक मान्यता यह भी है कि चावल को माथे पर तिलक के रूप में लगाने से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। ये दिमाग को सकारात्मक विचार देता है जिससे काम की तरफ फोकस और भी बढ़ जाता है।

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