हिंदू कई विशेष मौकों जैसे पूजा करते समय, किसी त्योहार या किसी शुभ काम से पहले माथे पर तिलक या टीका लगाते हैं। ये तिलक कुमकुम का होता है और इसके बाद चावल भी लगाया जाता है। लेकिन आखिर चावल क्यों लगाए जाते हैं? इसी बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

कई पंडित तो चावल आपके सिर या आस-पास फेंकते भी हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि वे ऐसा क्यों करते हैं?

ये परम्परा काफी पुरानी है। चावल को सबसे शुद्ध अन्न माना जाता है। छोटी से छोटी पूजा से लेकर बड़े अनुष्ठान तक चावल का खास महत्व रहता है।

चावल को अक्षत भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कभी नाश नहीं होने वाला, इसलिए किसी भी कार्य की सफलता के लिए चावल का इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण तिलक लगाने के बाद सभी तिलक लगाते हैं।

अन्य कारण
इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इसी वजह से अब चावल लगाया जाता है तो उसके बाद उनके सिर पर और आसपास भी चावल को फेंका जाता है।

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