रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारत वर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ये त्यौहार काफी प्राचीन समय से मनाया जा रहा है। इस त्यौहार का काफी महत्व है। लेकिन इस बात को काफी कम लोग जानते होंगे कि आखिर ये त्यौहार क्यों मनाया जाता है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

रक्षाबंधन का इतिहास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण के बाएं हाथ की उंगली कट गई थी। इस से उन्हें खून बहने लगा और इसे देख कर द्रौपदी काफी दुखी हुई। उसने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा काट के श्रीकृष्ण की ऊँगली पर बहना बंद हो गया।

तभी से कृष्ण भगवान उन्हें अपनी बहन मनने लगे। जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार गए और दुर्योधन उनका चीरहरण कर रहे थे तब भगवान कृष्ण ने एक भाई का फर्ज निभाते हुए द्रौपदी के मान सम्मान की रक्षा की।

कैसे मनाया जाता है ये त्यौहार

इस दिन भाई बहनों के लिए तरह-तरह के गिफ्ट खरीदते हैं और कई अपनी बहनों को दक्षिणा देकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। बहनें भी इस दिन भाइयों के लिए गिफ्ट खरीदती है। बहनें राखी, रुमाल, मिठाई आदि सामान भाई के कलाई पर राखी बांधती है और उस से कई सारे वादे भी लेती है।

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