भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। ट्रेन में हम में से सभी ने सफर किया है। ऐसे में कई बार दिमाग में ऐसे सवाल भी आते हैं जिनका जवाब हमारे पास नहीं होता है। ऐसा कि एक सवाल है कि हजारों किलोमीटर तक बिछी रेल की पटरियों में कभी जंग क्यों नहीं लगते। जबकि ये मौसम की मार भी झेलती है। इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।


दरअसल इसका कारण है कि इन पटरियों को बनाने के लिए एक खास किस्म के स्टील का इस्तेमाल होता है। स्टील में मेंगलॉय को मिलाकर ट्रेन की पटरियों को तैयार किया जाता है। इसमें 12 फीसदी मैंगनीज और एक प्रतिशत कार्बन होता है।

जो मिक्सचर इन पटरियों को बनान में इस्तेमाल किया जाता है उस से ऑक्सीकरण की रफ्तार काफी धीमी होती है। जिस कारण पटरियों में जंग नहीं लगती हैं और ये वर्षों चलती रहती हैं।

भारत में ट्रेन की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। उस समय जंगरोधी धातुओं का इस्तेमाल किया था। हालांकि, बहुत से लोग ये भी मानते हैं कि पहियों के घर्षण बल के कारण पटरियों में जंग नहीं लगती है, पर ऐसा नहीं है।

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