शिव शंकर चाहे तो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के अनमोल से अनमोल वस्तु वस्त्र और रत्नों को धारण कर सकते है, लेकिन शिव का श्रृंगार होता है भस्म से.

आखिर ऐसा क्या कारण है कि महादेव अपने तन पर भस्म रमाये रहते है और क्या चमत्कार करती है ये भस्म? क्या है भस्म लगाने का महत्व !

भस्म लगाने का महत्व –

पुराणों और शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश सृष्टि के रचियेता,पालनकर्ता और संहारक है. सतयुग त्रेतायुग, द्वापर युग और कलियुग इन चार युगों के पूरा होने पर सृष्टि का एक चक्र पूरा हो जाता है. इस चक्र के पूरा होने के बाद महादेव सृष्टि का संहार कर देते है.

संहार होने के बाद ब्रह्मा फिर से एक बार नए सिरे से सृष्टि की रचना करते है. भस्म शिव द्वारा सृष्टि के संहार का प्रतीक होता है. भस्म या राख का मतलब है कि सृष्टि का अंत रख हो जाना ही है. इसीलिए शिव भस्म को अपने बदन पर रमाये रहते है. भस्म सृष्टि का प्रतेक चिन्ह है. यही कारण है कि दूध और जल आदि से अभिषेक करने के बाद भी शिव को भस्म लगाई जाती है.

Related News