महाभारत काल के किस श्राप से हुई थी कलयुग की शुरुआत? जानें यहाँ
pc: youtube
हिंदू धर्म के अनुसार, अभी कलयुग चल रहा है। ये एक ऐसा युग है जिसमें धर्म का अभाव होता है, अधर्म बढ़ता है और मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है।
कलयुग की शुरुआत महाभारत के युद्ध के समय से मानी जाती है। महाभारत का युद्ध, धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई के लिए जाना जाता है। लेकिन इसी युद्ध से बड़े पैमाने पर हिंसा और विनाश और पाप की शुरुआत हुई।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कलयुग की शुरुआत महाभारत काल के श्राप के कारण ही हुई थी। यह श्राप राजा परीक्षित के कारण दिया गया था, जो अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के पुत्र थे। वे महाभारत युद्ध के बाद हस्तिनापुर के राजा बने थे।
राजा परीक्षित एक बार जंगल में शिकार करने गए तब उन्हें बहुत ज्यादा प्यास लगने लगी। पानी की तलाश करते करते वो एक ऋषि के आश्रम में पहुंचे। उस समय ऋषि ध्यान में थे।
परीक्षित ने कई बार उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन ध्यानऋषि ने कोई जवाब नहीं दिया क्योकिं वे ध्यान में लीं थे। इससे राजा परीक्षित को गुस्सा आ गया, और उन्होंने एक मृत सर्प को उठाकर ऋषि के गले में डाल दिया।
जब ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी को इस बारे में पता चला तो उसने गुस्से में राजा परीक्षित को श्राप दिया कि उन्हें सात दिन के भीतर तक्षक नाग के डसने से मृत्यु प्राप्त होगी। ये माना जाता है कि राजा परीक्षित की मृत्यु और महाभारत के अंत के बाद कलयुग शुरू हुआ।
कुछ और कथाओं में भी कलयुग के श्राप के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि महाभारत युद्ध के दौरान कई ऋषियों को अपमानित किया गया था. इन ऋषियों ने क्रोधित होकर कलयुग के आगमन का श्राप दिया था।