Throwback: जब छह साल पहले सीडीएस जनरल Bipin Rawat एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों के साथ निधन हो गया। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में 14 लोगों को ले जा रहा एक IAF हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया उसके बाद 13 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति बाल-बाल बच गया।
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया, "गहरे अफसोस के साथ अब पता चला है कि जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और विमान में सवार 11 अन्य लोगों की इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मौत हो गई।"
जनरल रावत आज स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए नीलगिरि हिल्स में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के दौरे पर थे। एक चार सितारा जनरल, रावत का एक विशिष्ट करियर था और वो चार दशकों से देश को अपनी सेवाएं दे रहे थे। वे भारत के इतिहास में पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने से पहले 26 वें सेनाध्यक्ष बनने के लिए रैंक तक पहुंच गए थे।
आपको बता दें कि यह दूसरी बार था जब जनरल रावत किसी हेलीकॉप्टर दुर्घटना के दुर्भाग्यपूर्ण शिकार हुए हैं। इससे पहले, जनरल रावत 3 फरवरी, 2015 को नागालैंड के दीमापुर जिले में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे।
उस समय, लेफ्टिनेंट जनरल (एलजी) जनरल रावत तीन अन्य व्यक्तियों के साथ चीता हेलीकॉप्टर में नियमित उड़ान के लिए जा रहे थे। हेलिकॉप्टर सुबह करीब साढ़े नौ बजे दीमापुर के रबगापहाड़ से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हेलीकॉप्टर जमीन से करीब 20 फीट ऊपर रुक गया था। उस समय सभी को मामूली चोटे आई थी।