शास्त्रों के अनुसार चार युग माने गए हैं सतयुग, द्वापर युग, त्रेता युग और कलयुग। इस समय कलयुग चल रहा है और ये अंतिम युग है। इसके बाद फिर से सतयुग की शुरुआत होगी। ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है।

त्रेता युग में श्रीराम का जन्म हुआ था। वहीं द्वापर युग में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ माना जाता है। शास्त्रों में ये भी बताया गया है कि कलयुग में एक समय ऐसा भी आएगा जब धरती पर पाप बहुत अधिक बढ़ जाएगा लोग एक दूसरे को मारने पर उतारू हो जाएंगे और पूरी धरती का संतुलन बिगड़ जाएगा। इतना ही नहीं महिलाओं का सम्मान नहीं होगा और रेप की घटनाएं काफी अधिक बढ़ जाएगी।

आएँगे भूंकप

कलियुग के अंत में भयंकर तूफान और भूकंप ही चला करेंगे। लोग मकानों में नहीं रहेंगे। लोग गड्डे खोदकर रहेंगे। धरती का तीन हाथ अंश अर्थात लगभग साढ़े चार फुट नीचे तक धरती का उपजाऊ अंश नष्ट हो जाएगा। भूकंप आया करेंगे।

वर्षा के लिए तरसेंगे लोग

कलयुग की प्रजा बाड़ और सूखे के भय से व्याकुल रहेगी। वर्षा न होने से मनुष्य तपस्वी लोगो की तरह फल मूल व् पत्ते खाकर और कितने ही आत्मघात कर लेंगे।

कलयुग में इतनी होगी उम्र

शास्त्रों में बताया गया है कि जब कलयुग में पाप का घड़ा भर जाएगा तो मनुष्य की उम्र कम होती होती केवल 20 वर्ष तक रह जाएगी। 16 वर्ष में लोग वृद्ध हो जाएंगे और 20 वर्ष में मृत्यु को प्रा‍प्त हो जाएंगे। लोग अल्पायु में ही मर जाएंगे। इसके लक्षण दिखने भी शुरू हो जाएंगे इन लक्षणों में अल्पायु में ही लोगों के बाल सफेद होना प्रमुख है।

मात्र इतनी बचेगी इंसान की लम्बाई

कलयुग के बारे में विशेषज्ञों के अपने अलग-अलग मायने हैं। मगर बताया जाता है कि कलयुग की अवधि 4,32,000 वर्ष की होगी। कलयुग में इंसान की लम्बाई मात्र 4 फुट रह जाएगी। वहीं इंसान की उम्र 12-20 साल तक के बीच की ही बचेगी।

महाप्रलय

बहुत काल तक सूखा रहने के बाद कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी, जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा। समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों का अंत हो जाएगा। इसके बाद एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी।

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