Nippa Virus क्या है और इसका इतिहास क्या है, जानिए इसके लक्षण और बचाव
कोरोना कॉल में एक नए वायरस का नाम सुनकर शरीर कांप उठता है। वायरस ने दुनिया पर कहर बरपाया है। लोग पहले भी कई तरह के वायरस के संपर्क में आ चुके हैं। सूची में स्पैनिश फ्लू, निप्पा वायरस, जीका वायरस और माल्टा बुखार शामिल हैं। स्पेनिश फ्लू ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। जब वायरस ने लाखों लोगों की जान ले ली। वहां 2018 में निप्पा वायरस ने केरल को मारा। उस समय 17 लोग निपाह संक्रमण से मर गए थे। इसे घातक वायरस भी कहा जाता है, क्योंकि यह वायरस से संक्रमित 75% लोगों को मारता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में निप्पा वायरस का कोई इलाज या टीका नहीं है। अस्तित्व ही एकमात्र सुरक्षा है।
निप्पा वायरस क्या है
विशेषज्ञों के अनुसार निप्पा वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ द्वारा फैलता है। चमगादड़ को फ्रूट बैट्स कहा जाता है जो फल खाते हैं और फलों पर अपनी लार छोड़ते हैं। ऐसे फल खाने वाले जानवर या इंसान निप्पा वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।
निफा वायरस का इतिहास
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, वायरस का पता पहली बार मलेशिया के कम्पुंग सुंगई निपा क्षेत्र में लगा था। इस क्षेत्र का नाम निपाह रखा गया है। वायरस मस्तिष्क को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह उस समय सूअरों से मनुष्यों में फैल गया था। इसके बाद सिंगापुर में निप्पा का मामला सामने आया। वहां, भारत में 2001 में कुछ और 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग संक्रमित पाए गए थे।
निप्पा वायरस के लक्षण
- तेज़ बुखार
- सरदर्द
- उल्टी और बेहोशी
- सांस लेने में कठिनाई
निप्पा वायरस की रोकथाम
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- भोजन से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- दूषित भोजन खाने से बचें। विशेष रूप से दूषित खजूर खाने से बचें।
- पेड़ों से गिरे दूषित फल कभी न खाएं।
- संक्रमित लोगों से दूर रहें।
- सूअर और सुअर किसानों के संपर्क में न आएं।