नागा साधु हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिये प्रसिद्ध हैं। ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा की गयी थी।

नागा साधुओं का जीवन बहुत ही रहस्यमयी होती है, यही वजह है कि लोग इनसे जुड़ी बातों को जानने में खासी दिलचस्पी रखते हैं।

लोग ये जानने के लिए अक्सर उत्साहित रहते हैं कि ये नागा साधू कहाँ से आते है और कहाँ जाते है? नागसाधु आम आदमी से बिल्कुल अलग होते हैं, इनका रहन-सहन खान-पान सब आम लोग की जिंदगी से भिन्न है।

आज हम नागा साधुओं के एक ऐसे राज से पर्दा उठाने जा रहे हैं जिसे जानकर आपकी रुह कांप जाएगी। बहुत कम ही लोगों को यह पता होता है कि नागा साधुओं के मरने के बाद उनके शव के साथ क्या किया जाता है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार आमतौर पर मृत्यु के बाद शरीर को जलाया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि मानव शरीर पंच (पांच) तत्वों से बना है और शरीर को उसी में विलीन करने के परंपरा है,किन्तु नागा साधुओ के शरीर को जलाया नहीं जाता, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें भू-समाधि देकर उनका अंतिम संस्कार किया जाता है।

नागा साधुओं को पहले जल समाधि दी जाती थी, लेकिन वर्तमान में नदियों का जल प्रदूषित होने के कारण अब उन्हें भू समाधि दी जाती है। नागा साधुओं को सिद्ध योग की मुद्रा में बैठाकर भू-समाधि दी जाती है।

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