मृत्यु एक ऐसा सच है जिसे कोई टाल नहीं सकता है। हम जानते हैं कि जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। जिस तरह जन्म लेने से पहले बच्चा 9 माह तक माँ के गर्भ में रहता है और उसे एक प्रक्रिया से गुजरना होता है ठीक उसी तरह मृत्यु से पहले भी एक स्टेज से गुजरना होता है। कई बार किसी इंसान की मृत्यु को आरामदायक बनाने के लिए मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है। इंसान की धड़कनें काफी तेज गति से चलने लगती है और इंसान काफी घबरा जाता है।

कई चरणों से गुजरने के बाद मिलती है मौत
यूनाइटेड किंगडम के न्यूकैसल हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. कैथरीन मैनिक्स के अनुसार मृत्यु से पहले कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता, चाहे उसके सामने उसका मनपसंद खाना ही क्यों न हो। मृत्यु के करीब आते आते उसकी शारीरिक शक्ति खत्म होती जाती है। मौत नजदीक हो तो उसे ठीक से नींद भी नहीं आती है।

मौत बिल्कुल नजदीक आने पर व्यक्ति के दिल की धड़कनें धीमी पड़ जाती है, ब्लड प्रेशर भी काफी नीचे आने लगता है और शरीर ठंडा पड़ने लगता है। शरीर के अंग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। उसे बेहोशी होने लगती है।

मृत्यु के नजदीकव्यक्ति तेज-तेज और आवाज करते हुए सांसें लेने लगता है फिर उसके सांस लेने की गति धीमी होती जाती है और फिर अंत में उसकी सांसें थम जाती हैं। सांसें रुकने के कुछ ही देर बाद उसकी हृदय गति भी पूरी तरह से रुक जाती है।

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