आज कल महिलाएं में ये धरणा बन रही है की माँ बनने के दौरान बच्चे को स्तनपान करना उनके शरीर के बनावट में बदलाव लाता है।
अगर आप पहली बार माँ बनने की ओर बढ़ रही है या फिर माँ बन गयी है तो ये जानकारी जान लेना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। स्तनपान कराने से ब्रस्ट कैंसर का खतरा न्यूनतम रहता है। स्तनपान के दौरान स्तन को दबाने या निचोड़ने का उपयोगी तरीका ब्रेस्ट कम्प्रेशन होता है। इसे स्‍तन संपीड़न भी कहा जाता है। इससे दूध ग्रंथियों पर दबाव पड़ने से दूध का बहाव तेज होता है। यह महिलाओं के लिए अच्छा रहता है।

इससे तेज प्रवाह को शिशु सक्रिय रूप से चूसने का प्रयास करता है और शिशु अच्छी मात्रा की अधिक दूध पी पाता है। एक बार स्तनपान की प्रक्रिया ठीक से होने के बाद स्तन अच्छे से खाली हो जाता है और फिर से दूध बनना शुरू होता है। अगर बच्चा अच्छे से दूध नहीं पी पाता है तो स्‍तनों में दूध जमने से स्‍तनों से स्‍त्राव होने लग जाते है।
बच्चे को अच्छे से स्तनपान के लिए स्तन संपीड़न एक अच्छा तरीका है। यह माँ और बच्चे दोनों के लिए स्तनपान की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
इसके साथ ही पहली बार बनी माँ को बच्चे को दूध पिलाने में कई तरह की समस्‍याएं होती है। इसल‍िए ब्रेस्‍ट कंप्रेशन की सही विधि उन्‍हें मालूम होनी चाहिए।

स्‍तनपान का सामान्‍य तरीका यही है कि माँ को निप्‍प्‍ल के आसपास वाले हिस्‍सों पर सामान्‍य दबाव बना कर रखना चाहिए।
पहली बार बनी माँ को स्तनपान कराने से उन्हें गर्भावस्था के बाद होनेवाली शिकायतों से निजात मिलती है।
इससे महिलाओं को तनाव कम होता है। महिलाओं को प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव पर स्‍तनपान से नियंत्रण पाया जा सकता है।
स्तनपान कराने से हृदय रोग और रुमेटी गठिया जैसे रोग होने का खतरा कम हो जाता है। आपको बता दे कि बच्चे को स्तनपान कराना एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक प्रकिया है। स्तनपान माँ तथा शिशु के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत करता है।

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