महाभारत में जीवन का मार्गदर्शन करने वाले कई पहलुओं का जिक्र किया गया है,महाभारत हमें जीवन में सुख और दुख में किस तरह के व्यवहार करना चाहिए, ये भी सीखाता है

मान्यताओं के मुताबिक महाभारत के दिनों में कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध जारी था,इस कारण राजा धृतराष्ट्र बेहद चिंतित थे,अंशात मन के बीच राजा ने महात्मा विदुर को बुलाया, जिन्होंने जीवन को जीने के कई तरीकों का जिक्र राजा धृतराष्ट्र से किया, महाराज धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच हुए संवादों को ही विदुर नीति के रूप में जाना जाता हैं।

कहा जाता है कि राजा धृतराष्ट्र महात्मा विदुर से गंभीर मामलों में या उलझन होने पर सलाह जरूर लिया करते थे,आज हम आपको इस लेख के द्वारा विदुर के द्वारा सुझाए गए कुछ अहम सूत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं,आइये जाने

विदुर कहते हैं कि आदर या सम्मान करना संस्कारी होना दर्शाता है,लेकिन आज के समय में लोग एक-दूसरे का सम्मान करना तो दूर बात करना पसंद नहीं करते हैं, ये तरीका भी जीवन में कष्टों का कारण बनता हैं।

महात्मा विदुर कहते हैं कि जिन धन को अर्जित करने या कमाने में क्लेश हो, मन अस्थिर रहे या भी धर्म का उल्लंघन करना पड़े, ऐसी माया एक न एक दिन परेशान जरूर करती हैं।

महात्मा विदुर के मुताबिक मनुष्य भले ही अकेला पाप करे, लेकिन उसका फायदा कई लोग उठा सकते हैं, कहा जाता है कि ऐसे लोग पाप का आनंद उठाकर बच जाते हैं, लेकिन पाप करने वाले को एक न एक दिन इसके बुरे फल का अकेले ही सामना करना पड़ता हैं।

विदुर के अनुसार जिन लोगों में द्वेष भाव या छल कपट होता है उन्हें जीवन में एक समस्या पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, धोखा करने वाले को ऐसे हालातों का भी सामना करना पड़ता है, जिसमें उसका मन हमेशा अंशात रहता हैं।

महात्मा विदुर कहते हैं कि विश्वास एक ऐसी चीज है, जिसके बिना जीवन को सुचारू रूप से चलाना असंभव है,विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति अक्सर भरोसे को तोड़ने की भूल करता है, उसे जीवन में अक्सर समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।

Related News