इंटरनेट डेस्क. भारतीय लोगों में वास्तु शास्त्र का जनक माना जाता है वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि वास्तु शास्त्र में इंसान के जीवन से जुड़ी हर छोटी से छोटी दुविधा और समस्या के लिए कई तरह के उपाय और समाधान बताए गए हैं यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार व्यतीत करता है तो उसे समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपना जीवन व्यतीत करता है तो उसे हर काम में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपने देखा होगा कि आजकल सभी घरों में छोटे-छोटे मंदिर बनाए जाते हैं इन मंदिरों में सभी अपने अपने इष्ट भगवान की मूर्ति स्थापित करते हैं। यदि आप भी अपने घर के मंदिर में गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो स्थापित करने से पहले दिशा का विशेष रूप से ध्यान रखें। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताते है की गणेश भगवान की मूर्ति को किस दिशा में स्थापित करना उचित माना गया है। जानते है विस्तार से -

* घर में गणेश जी की मूर्ति को इस दिशा में करें स्थापित :

वास्तुशास्त्र के नियम अनुसार घर में गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करने के लिए पूर्व दिशा और उत्तर-पूर्व कोना शुभ बताया गया है ऐसा करने से आपको अच्छे परिणाम मिलते हैं लेकिन भूल कर भी गणेश जी की मूर्ति को दक्षिण और दक्षिण पश्चिम कौन है नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से नुकसान हो सकता है। गणेश जी की प्रतिमा को रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए प्रतिमा के आसपास किसी भी तरह का पूरा कचरा नहीं होना चाहिए और घर का टॉयलेट भी उस जगह से थोड़ा दूर होना चाहिए।

घर का मंदिर कभी भी सीढ़ियों के नीचे नहीं होना चाहिए घर में गणेश जी की मूर्ति रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि एक ही जगह पर गणेश भगवान की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखनी चाहिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से आपके घर में ऊर्जा का आपस में टकराव होता है जो आपके लिए अशुभ होता है।

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