वास्तु शास्त्र में इस बारे में जानकारी दी गई है कि आपको अपने घर में किन चीजों को रखना चाहिए और किन चीजों को नहीं। इसके अलावा घर के हर एक हिस्से को वास्तु के अनुसार बनाने से घर में सकारात्मकता आती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको मंदिर किस दिशा में बनाना चाहिए और किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण (पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा) में मंदिर बनाना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन इस दिशा में मंदिर बनाते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा स्थल के नीचे पत्थर की पटिया न लगाएं, नहीं तो आप कर्ज के चंगुल में फंस सकते हैं।

पत्थर की जगह आप अलग से लकड़ी का स्लैब या लकड़ी से बना पूरा मंदिर बना सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि लकड़ी का मंदिर दीवार से बिल्कुल भी सटा न हो, दीवार से थोड़ा हटकर मंदिर का निर्माण करवाएं।

यदि आप उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी का मंदिर बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपको मंदिर के नीचे गोल पैर हों।

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