इंटरनेट डेस्क। भारतीय लोगों में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व माना जाता है अधिकतर लोग अपने जीवन से जुड़े सभी कार्य वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के अनुसार करते हैं जिसके कारण उन्हें अपने जीवन में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता बजाय उन लोगों के जो लोग अपना जीवन अपनी इच्छा से व्यतीत करते हैं उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भारतीय लोगों में सावन के महीने का बहुत महत्व माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है सावन का महीना भगवान शिव के लिए ही जाना जाता है। हिंदू धर्म में सावन महीने को काफी शुभ माना जाता है। सावन के महीने में महादेव को प्रसन्न किया जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सावन में शादीशुदा और कुंवारी महिलाएं व्रत रखती हैं।

माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के ठीक अगले दिन से सावन मास शुरू हो जाता है। इसलिए सावन में विधि-विधान के साथ व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। साथी ही उनकी मनचाही इच्छा भी पूरी होती है। कुंवारी कन्या इस व्रत को खासतौर पर अच्छे वर के लिए रखती हैं।

* वास्तु के अनुसार सावन के महीने में ना करें यह काम :

1 सावन के महीने में भगवान शिव पर भूलकर भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।

2. वास्तु शास्त्र के अनुसार सावन के महीने में बैंगन का सेवन किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए।

3.शास्त्र के अनुसार सावन के दौरान किसी व्यक्ति को अपने शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।

4. इतना ही नहीं सावन के महीने में दिन में सोना भी नहीं चाहिए।

* सावन के महीने में महादेव को इस तरह करें प्रसन्न :

सावन का महीना देवों के देव महादेव का पसंदीदा महीना है। इस महीने में महादेव की पूरे विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए। उनकी पूजा करते समय काले तिल, कच्चा दूध , बेलपत्र, धतूरा, भांग के पत्ते और गुड़ चढ़ाना चाहिए। यदि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की जाती है तो माना जाता है कि भगवान अपना आशीर्वाद उस पर बनाए रखते हैं।

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