इंटरनेट डेस्क. आज के समय में सबकी इच्छा होती है कि उसका भी अपना घर हो जिसके लिए इंसान दिन रात मेहनत करके पैसे जोड़ता है और अपने सपनों का आशियाना सो जाता है यानी अपने लिए घर का निर्माण करवाता है। लेकिन घर बनाते समय यदि आप वास्तु नियमों को ध्यान नहीं रखते हैं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है आज हम आपको बताएंगे घरों में लगाई जाने वाली डोर बेल से जुड़े कुछ वास्तु नियमों के बारे में जिनका ध्यान नहीं रखने पर आपके घर में लगी डोरबेल आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकती हैं आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे डोर बेल से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में -

* घर में डोर बेल लगाना भी होता है बेहद जरूरी :

आज घर के मुख्य द्वार के बाहर डोरबेल होना बहुत जरूरी है यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार के बाहर डोर बेल नहीं लगाते हैं तो आपके घर में नेगेटिव एनर्जी प्रवेश कर सकती है इसलिए बताया गया है कि ना होने पर कोई भी आने वाला व्यक्ति आपके दरवाजे को आता है दरवाजे से निकलने वाली आवाज आपके घर में रहने वाले लोगों के दिमाग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

* भूलकर भी नेम प्लेट के पास ना लगाएं डोर बेल :

आज के समय में सभी अपने घर के मेन डोर पर अपने नेमप्लेट जरूर लग जाते हैं इस नेम प्लेट पर घर के सबसे वरिष्ठ सदस्य का नाम होता है उस नाम के साथ उस व्यक्ति का पद भी लिखा हुआ होता है। इस नेम प्लेट के आसपास डोर बेल का स्विच लगाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि यह स्विच नेम प्लेट के नीचे नहीं होना चाहिए यह हमेशा नेम प्लेट से ऊपर की तरफ होना चाहिए।

* उचित डोरबेल का करे चयन :

अपने घर के लिए डोर बेल का चयन करते समय आप धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक डोर बेल चुन सकते हैं अपने घर के लिए अपने आराध्य के नाम के भजन वाली डोर बेल भी लगा सकते हैं इससे आपको अच्छा महसूस होगा। डोर बेल के बजने पर आप अपने आराध्य को याद कर पाएंगे और आपके घर में नेगेटिव एनर्जी भी प्रवेश नहीं कर पाएगी।

*हमेशा मधुर आवाज वाली डोर बेल ही लगाए :

घर में डोरबेल लगाते समय वास्तु शास्त्र के अनुसार इस बात का खास ध्यान रखें कि आप डोर बेल की आवाज का मुख्य रूप से ध्यान रखें की डोर बेल से निकलने वाली आवाज चुभने वाली ना हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार डोरबेल से निकलने वाली यह आवाज नेगेटिविटी का कारण बनती है।

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