इंटरनेट डेस्क. भारतीय लोगों में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व माना जाता है क्योंकि वास्तु शास्त्र में मानव जीवन में आने वाली हर छोटी से छोटी समस्याओं के समाधान के लिए कई नियम और उपाय बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र में शादी में होने वाली देरी को लेकर भी कई नियम और उपाय बताए गए हैं। आपने देखा होगा कि कहीं बाहर बेटी के पढ़े-लिखे सुंदर और सुशील होने के बावजूद भी विवाह नहीं हो पाता रिश्ता बनता बनता बिगड़ जाता है। काफी प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है तो आप वास्तु के अनुसार यह उपाय अपनाकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं

अग्नि कोण साउथ ईस्ट को शुक्र ग्रह का कारक माना जाता है और शुक्र ग्रह है विवाह का कारक होता है यदि आपके अग्नि कोण में अंडर ग्राउंड वाटर टैंक बोरिंग या फिर यह कौन है बढ़ा हुआ हो तो शुक्र ग्रह दोष बंद कर आपके विवाह में विलंब उत्पन्न करता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं इस समस्या से राहत पाने के लिए वास्तु शास्त्र में क्या उपाय बताए गए हैं।

* आपको अपनी विवाह योग्य कन्या का कमरा हमेशा घर के वायव्य कोण में है रखना चाहिए यह शुभ माना जाता है क्योंकि स्कूल में वायु देव का आदित्य होता है और वायु कभी स्थिर नहीं रहती। इस दिशा में कमरे का मतलब है घर से बेटी का विदा होना। आपकी कन्या के कमरे में पूरी रोशनी और हमेशा ताजी हवा आनी चाहिए इस कमरे में कभी भी अंधेरा नहीं रहना चाहिए अन्यथा स्थिति आपके विपरीत और सकती हो सकती है।

* इस समस्या से राहत पाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कन्या को कमरे में सारस या हंस के जोड़े की तस्वीर या चित्र लगाएं और कमरे के बाहर मेहंदी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। कन्या को सोने में बीएफ गुलाबी या सफेद रंग की साफ सादर इस्तेमाल करें। कन्या के कमरे में टीवी या लैपटॉप ना रखें और कमरे में जाने से पहले हमेशा जूते चप्पल बाहर उतारे।

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