Vastu Tips: भूलकर भी दीपावली के दिन सिरहाने ना रखें ये चीजे, मां लक्ष्मी होती है नाराज !
हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व होता है क्योंकि वास्तु शास्त्र में जीवन में आने वाली हर समस्या के समाधान के लिए कई तरह के उपाय और नियम बताए गए हैं जिनको अपनाकर हम हमारे जीवन में आने वाली हर छोटी छोटी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि दीपावली के त्यौहार पर हर कोई मां लक्ष्मी की पूजा करके उसकी कृपा पाना चाहता है ताकि उसके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे। दीपावली के त्यौहार पर रात्रि के समय मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है लेकिन वास्तु शास्त्र में कुछ बातों को ध्यान में रखकर मां लक्ष्मी को नाराज होने से बचाया जा सकता है वास्तु शास्त्र के जानकारों के अनुसार बताया जाता है कि कुछ ऐसे काम होते हैं जो जाने अनजाने में हमारे द्वारा किए जाते हैं और मां लक्ष्मी के नाराज होने के कारण बनते हैं आइए जानते हैं इन कामों के बारे में -
* वास्तु शास्त्र के अनुसार पर्स को अपने तकिए के नीचे भूल कर भी रखकर नहीं सोना चाहिए। आपके ऐसा करने से आपके लालची स्वभाव होने का पता लगता है वास्तु शास्त्र के अनुसार पर्स को सिरहाने रखकर सोने से व्यक्ति के खर्चे भी बढ़ जाते हैं और परिवार हमेशा आर्थिक समस्याओं का सामना करता रहता है।
* आपने देखा होगा कि कुछ लोग रात में लेने वाली दवाओं को अपने सिरहाने पर रख लेते हैं ताकि सोते समय उसे लेने के लिए उन्हें उठना ना पड़े लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि अपनी दवाओं को सिरहाने रख कर कभी भी ना सोए क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति का इस बात का पता लगता है कि उसे दबाव से बहुत लगाव है और ऐसे में बीमारी और दवा व्यक्ति का जीवन भर पीछा नहीं छोड़ती और व्यक्ति हमेशा बीमारियों से घिरा रहता है।
* अधिकतर लोग रात में सोते समय अपने सिरहाने के पास पानी की बोतल को अवकाश होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता पानी का संबंध चंद्रमा से बताया जाता है इसलिए सिरहाने पानी रखकर सोने से व्यक्ति के चंद्रमा पर प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति मानसिक तनाव और परेशानियों से पीड़ित रहता है।
* वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय कभी भी अपने सिरहाने पर अखबार यह किताब या किसी भी तरह की मैगजीन को रखने की भूल ना करें अगर कोई ऐसी गलती करता है तो वह व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता है और उसका प्रभाव उसकी पूरी दिनचर्या पर पढ़ने लगता है।